हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया
हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया
शुभ भाव जहाँ रहता दिखता,इक गाँव सुहावन गंग तटे ।
मन में तब प्रेम नदी बहती, लहरें उठतीं मझधार सटे।
मलयागिरि चंदन की खुशबू , महके गमके दिन-रात कटे।
यह साजन का प्रिय गाँव सुधा,हर तामस वृत्ति प्रभाव छँटे।
Gunjan Kamal
10-Jan-2023 08:33 PM
बहुत खूब
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
08-Jan-2023 09:11 AM
बेहतरीन
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Sachin dev
06-Jan-2023 06:07 PM
Well done
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