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हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया




हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया


शुभ भाव जहाँ रहता दिखता,इक गाँव सुहावन गंग तटे ।


मन में तब प्रेम नदी बहती, लहरें उठतीं मझधार सटे।


मलयागिरि चंदन की खुशबू , महके गमके दिन-रात कटे।


यह साजन का प्रिय गाँव सुधा,हर तामस वृत्ति प्रभाव छँटे।




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4 Comments

Gunjan Kamal

10-Jan-2023 08:33 PM

बहुत खूब

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बेहतरीन

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Sachin dev

06-Jan-2023 06:07 PM

Well done

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